नरकटियागंज +2 उच्च माध्यमिक विद्यालय कुकुरा

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By - Er.Nikesh Kumar
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नरकटियागंज +2 उच्च माध्यमिक विद्यालय कुकुरा में व्यापक अनियमितता पर छात्रों और ग्रामीणों का आक्रोश फूटा



नरकटियागंज: 6 अक्टूबर 2024: नरकटियागंज के +2 उच्च माध्यमिक विद्यालय कुकुरा में व्यापक अनियमितताओं के चलते छात्र और ग्रामीणों का गुस्सा इस कदर फूटा कि विद्यालय में भारी हंगामा हो गया। छात्रों और ग्रामीणों ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक मोतीलाल साह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे पिछले सात महीनों से विद्यालय नहीं आ रहे हैं, जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। इसी के साथ, 2023 में भरे गए मैट्रिक के रजिस्ट्रेशन फॉर्म अब तक छात्रों को नहीं मिले हैं, जिसके चलते वे अब तक फार्म नहीं भर पाए हैं। 


छात्रों का गुस्सा और आरोप


छात्रों का कहना है कि विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। प्रधानाध्यापक मोतीलाल साह का स्कूल में न आना और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना, ग्रामीणों और छात्रों के बीच गुस्से का प्रमुख कारण बना हुआ है। छात्रों का कहना है कि 2023 में मैट्रिक का रजिस्ट्रेशन भरा गया था, लेकिन अब तक डमी एडमिट कार्ड नहीं मिले हैं, जिससे फार्म भरने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। 


एक छात्र ने बताया, "हम लोग अपने भविष्य के बारे में चिंतित हैं। स्कूल की प्रशासनिक लापरवाही के कारण हमें अपने भविष्य के बारे में असुरक्षा महसूस हो रही है। यदि समय पर रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ तो हम परीक्षा से वंचित रह जाएंगे।" 


ग्रामीणों का बढ़ता आक्रोश


ग्रामीणों का भी कहना है कि विद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियों को लेकर बहुत ही लापरवाही बरती जा रही है। ग्रामीणों के अनुसार, प्रधानाध्यापक का विद्यालय में नियमित रूप से न आना और शिक्षकों की भी अनियमितता का सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। आक्रोशित ग्रामीणों ने विद्यालय में तालाबंदी कर दी और प्रधानाध्यापक सहित विद्यालय के 22 सहायक शिक्षकों को बंधक बना लिया। 


एक स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि, "प्रधानाध्यापक मोतीलाल साह ने मुझसे फोन पर 10 लाख रुपये की मांग की थी ताकि मेरे बच्चे की बहाली हो सके। यह न केवल शर्मनाक है बल्कि भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण है।"


प्रधानाध्यापक पर गंभीर आरोप


छात्रों और ग्रामीणों के गुस्से का मुख्य कारण प्रधानाध्यापक मोतीलाल साह की गैरमौजूदगी और उनकी प्रशासनिक अनियमितता है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधानाध्यापक न केवल विद्यालय के दैनिक कार्यों से गायब रहते हैं, बल्कि छात्रों और उनके अभिभावकों से अवैध धन की मांग भी करते हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रधानाध्यापक ने कई बार फोन पर पैसे मांगने की कोशिश की है, ताकि बच्चों की बहाली हो सके। 


इसके अलावा, ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि मोतीलाल साह विद्यालय के महत्वपूर्ण आयोजनों जैसे झंडोत्तोलन कार्यक्रमों में भी शामिल नहीं होते। इस तरह की अनियमितता और उदासीनता से छात्रों और ग्रामीणों का धैर्य अब जवाब दे गया है। 


बंधक बनाए गए शिक्षक और प्रशासनिक हस्तक्षेप


बंदी बनाए गए सहायक शिक्षकों ने पुलिस और उच्च प्रशासनिक अधिकारियों को बुलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन को त्वरित कदम उठाने की जरूरत है, ताकि विद्यालय की स्थिति सामान्य हो सके और बच्चों की पढ़ाई फिर से शुरू हो सके। 


वहीं दूसरी ओर, ग्रामीण और छात्र प्रधानाध्यापक और अन्य शिक्षकों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारी इस मामले की जांच करें और दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करें। ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक के खिलाफ लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है और कहा है कि जब तक उच्च अधिकारी मौके पर नहीं आते और इस मामले का समाधान नहीं करते, तब तक वे विद्यालय में तालाबंदी जारी रखेंगे।


पुलिस और प्रशासन की भूमिका


इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से बातचीत करने की कोशिश की। पुलिस अधिकारियों ने बंधक बनाए गए शिक्षकों को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण और छात्र प्रधानाध्यापक के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। 


स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया, "हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और उच्च अधिकारियों से संपर्क में हैं। जल्द ही स्थिति का समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी। छात्रों और ग्रामीणों से अपील की जा रही है कि वे कानून व्यवस्था बनाए रखें और प्रशासन को इस मामले को हल करने का समय दें।"


शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया


इस घटना के बाद शिक्षा विभाग ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि वे इस मामले की गहनता से जांच करेंगे और यदि प्रधानाध्यापक या कोई अन्य शिक्षक दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 


शिक्षा विभाग ने यह भी कहा कि छात्रों की पढ़ाई में कोई रुकावट न हो, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। जिन छात्रों का मैट्रिक रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है, उनके फॉर्म भरने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाएगा ताकि कोई भी छात्र परीक्षा से वंचित न रहे। 


 निष्कर्ष


नरकटियागंज के +2 उच्च माध्यमिक विद्यालय कुकुरा में छात्रों और ग्रामीणों का आक्रोश इस बात का संकेत है कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार की अत्यंत आवश्यकता है। अनियमितता और भ्रष्टाचार के चलते बच्चों का भविष्य दांव पर है। इस घटना से एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि शिक्षा व्यवस्था को मजबूत और पारदर्शी बनाने की जरूरत है, ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके और उन्हें अपने भविष्य के प्रति आश्वस्त किया जा सके। 


अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शिक्षा विभाग और प्रशासन इस मामले को कैसे सुलझाते हैं और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।

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