भारत और मालदीव के बीच संबंध: एक नया अध्याय

B.tech Hindi News
By - Er.Nikesh Kumar
0

 भारत और मालदीव के बीच संबंध: एक नया अध्याय


हाल ही में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के भारत दौरे ने दोनों देशों के बीच रिश्तों में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला दिया है। मुइज्जू, जो पहले भारत के प्रति अपनी अनुकूलता नहीं दिखा रहे थे, अब भारत को अपना सबसे करीबी मित्र मानते हैं। इस परिवर्तन का स्वागत करते हुए भारत ने भी दोस्ती का हाथ बढ़ाया है, जिससे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती मिलेगी। आइए, इस नए अध्याय को विस्तार से समझते हैं।

मुइज्जू का भारत दौरा

मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू की चार दिवसीय राजकीय यात्रा ने द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा भर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। इस दौरे में भारत और मालदीव के बीच 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर के मुद्रा विनिमय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता मालदीव की विदेशी मुद्रा भंडार की समस्याओं को हल करने में मदद करेगा और आर्थिक स्थिरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।

 रुपे कार्ड का लॉन्च

भारत और मालदीव के बीच एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि थी, रुपे कार्ड का लॉन्च। यह कार्ड न केवल मालदीव में भारतीय पर्यटकों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि इससे स्थानीय व्यापारियों को भी लाभ होगा। इस कदम को दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को और बढ़ाने के रूप में देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे एक "सुधारात्मक कदम" बताया, जो दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को प्रोत्साहित करेगा।

 हनीमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विकास

हनीमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नए रनवे का उद्घाटन भी इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। यह हवाई अड्डा मालदीव के पर्यटन उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है और इससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह विकास न केवल मालदीव के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए फायदेमंद साबित होगा।

ग्रेटर माले कनेक्टिविटी परियोजना

मुइज्जू के दौरे के दौरान, ग्रेटर माले कनेक्टिविटी परियोजना पर भी चर्चा हुई। पीएम मोदी ने बताया कि भारत इस परियोजना में तेजी लाने का प्रयास करेगा। यह परियोजना मालदीव की राजधानी माले और उसके आसपास के द्वीपों के बीच बेहतर परिवहन सुविधाएं प्रदान करेगी। इससे मालदीव के लोगों को न केवल रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

सामाजिक आवास इकाइयों का विकास

भारत ने मालदीव को एक्जिम बैंक की क्रेता ऋण सुविधाओं के तहत 700 सामाजिक आवास इकाइयां भी सौंपी हैं। इस कदम से मालदीव में आवास संकट को हल करने में मदद मिलेगी और स्थानीय लोगों की जीवन स्तर में सुधार होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने इस पहल को एक "समर्पित प्रयास" बताया, जो भारत की पड़ोसी नीति को दर्शाता है।

मुक्त व्यापार समझौते की चर्चा

भारत और मालदीव ने आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर चर्चा करने का निर्णय लिया है। यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापारिक बाधाओं को समाप्त करेगा और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देगा। पीएम मोदी ने कहा कि यह समझौता न केवल आर्थिक बल्कि सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।

सामरिक संबंधों की मजबूती

भारत ने हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ सामरिक संबंधों को मजबूत करने का प्रयास किया है। मुइज्जू के साथ हुई बातचीत में, मोदी ने मालदीव को "घनिष्ठ मित्र" बताया और कहा कि भारत ने हमेशा एक पड़ोसी की जिम्मेदारियों को पूरा किया है। यह दृष्टिकोण भारत की सागर विजन नीति में भी महत्वपूर्ण है, जिसमें भारत अपने समुद्री पड़ोसियों के साथ सहयोग को बढ़ावा देता है।

 क्षेत्रीय स्थिरता और विकास

मालदीव के साथ बढ़ते संबंध केवल द्विपक्षीय स्तर पर नहीं, बल्कि क्षेत्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण हैं। भारत और मालदीव का सहयोग भारतीय महासागर क्षेत्र में स्थिरता और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। मुइज्जू के साथ हुई वार्ता में, मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग से न केवल आर्थिक विकास होगा, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी बढ़ेगी।

भारत-मालदीव संबंधों का भविष्य

मुइज्जू का यह दौरा दोनों देशों के बीच संबंधों में एक नया अध्याय खोलने का संकेत है। भारत और मालदीव के बीच हुए समझौते और वार्ताएं इस बात को दर्शाती हैं कि दोनों देश एक-दूसरे के विकास के प्रति गंभीर हैं। यह साझेदारी न केवल वर्तमान के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भविष्य में भी दोनों देशों के लिए लाभकारी साबित होगी।

निष्कर्ष

भारत और मालदीव के बीच बढ़ते संबंध, दोनों देशों की साझा रणनीतियों और लक्ष्यों का परिणाम हैं। मुइज्जू के बदले तेवरों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मालदीव अब भारत के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता दे रहा है। भारत ने भी इस परिवर्तन का स्वागत करते हुए दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। दोनों देशों के बीच आर्थिक, सामरिक, और सामाजिक सहयोग के नए द्वार खुल रहे हैं, जो न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। 

इस प्रकार, भारत और मालदीव के बीच संबंधों का यह नया अध्याय क्षेत्रीय विकास और स्थिरता के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)