भारत का सबसे बड़ा आईपीओ: Hyundai के इश्यू के बारे में जानने योग्य बातें
भारत में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ लॉन्च करने के लिए Hyundai Motor India Ltd (HMI) पूरी तरह तैयार है। यह आईपीओ 15 अक्टूबर को लॉन्च किया जाएगा, जिसके जरिए कंपनी लगभग 27,856 करोड़ रुपये ($3.3 बिलियन) जुटाने की योजना बना रही है। यह ऑफर फॉर सेल के माध्यम से किया जाएगा, जिसमें कंपनी की प्रमोटर, दक्षिण कोरियाई ऑटो दिग्गज Hyundai Motor Company, HMI की 17.5 प्रतिशत हिस्सेदारी यानी लगभग 14.2 करोड़ शेयर बेचेगी और सभी आय प्राप्त करेगी।
कंपनी की कीमत और शेयर विवरण
Hyundai ने अपने आईपीओ के लिए प्रति शेयर कीमत 1,865 रुपये से 1,960 रुपये तय की है, जिसमें प्रत्येक शेयर का फेस वैल्यू 10 रुपये है। इस कीमत पर कंपनी का मूल्यांकन लगभग 1.5-1.6 लाख करोड़ रुपये होगा। इसके साथ ही, कर्मचारियों को अधिकतम 186 रुपये प्रति शेयर की छूट दी जा रही है। यह आईपीओ भारतीय पूंजी बाजार के इतिहास में सबसे बड़ा आईपीओ होने जा रहा है।
निवेश और विस्तार योजनाएं
HMI, जो भारत की दूसरी सबसे बड़ी पैसेंजर वाहन निर्माता और सबसे बड़ी निर्यातक कंपनी है, ने आने वाले 8-10 वर्षों में भारत में 32,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है। यह निवेश कंपनी की भारत में विस्तार और विकास रणनीति का हिस्सा है।
आईपीओ की समयसीमा
आईपीओ के लिए एंकर निवेशकों को शेयरों का आवंटन 14 अक्टूबर को होगा, और यह 17 अक्टूबर को समाप्त होगा। इस आईपीओ को 22 अक्टूबर को NSE और BSE पर सूचीबद्ध किया जाएगा।
बढ़ती ईवी मार्केट पर Hyundai की नजर
Hyundai की एमडी उनसू किम के अनुसार, भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बाजार अभी अपने शुरुआती चरण में है, लेकिन 2030 तक इसमें तेजी से वृद्धि होगी। किम ने बताया कि HMI अपनी पेरेंट कंपनी की ईवी और बैटरी तकनीकों का लाभ उठाकर भारत में एक ईवी इकोसिस्टम विकसित करने की योजना बना रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि कंपनी इस वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में अपनी लोकप्रिय क्रेटा ईवी सहित चार नए ईवी मॉडल लॉन्च करने की योजना बना रही है। इसके अलावा, Hyundai अपनी ईवी आपूर्ति श्रृंखला को स्थानीय बना रही है, जिसमें बैटरी पैक, ड्राइवट्रेन आदि शामिल हैं, और देश में ईवी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी निवेश कर रही है।
ऑटो सेक्टर में मंदी की चिंताएं
भारत के ऑटो सेक्टर में हाल ही में आई मंदी को लेकर पूछे गए सवाल पर HMI के सीओओ तरुण गर्ग ने बताया कि सितंबर में पिछले महीने की तुलना में वाहन पंजीकरण में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। गर्ग ने यह भी कहा कि कोविड महामारी के बाद ऑटो उद्योग में उच्च विकास दर देखने को मिली, जिससे हालिया सुस्ती सामान्य मानी जा सकती है। उन्होंने कहा, “ऑटो उद्योग की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 5% रही है। कोविड के बाद उद्योग में भारी उछाल देखा गया, और 2022 में यह 20% से अधिक बढ़ा, जबकि 2023 में यह 9% बढ़ा। ऐसे में थोड़ी नरमी आना स्वाभाविक है, लेकिन यह चिंता की बात नहीं है।”
HMI की आय और लाभ
Hyundai Motor India का यह आईपीओ 2003 में Maruti Suzuki India Ltd के बाद भारत में सार्वजनिक होने वाली पहली ऑटो कंपनी के रूप में दर्ज होगा। यह आईपीओ 2022 में हुए LIC के 21,000 करोड़ रुपये के आईपीओ को पीछे छोड़ते हुए भारत का सबसे बड़ा शेयर ऑफरिंग बन जाएगा।
कंपनी द्वारा सेबी (Securities and Exchange Board of India) के साथ दाखिल रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) के अनुसार, HMI ने वित्त वर्ष 2024 में 78 प्रतिशत पुर्जे और सामग्री भारत से हासिल की, जो वित्त वर्ष 2022 में 82.5 प्रतिशत थी। कंपनी की कुल कार बिक्री में SUV का हिस्सा FY24 में बढ़कर 63 प्रतिशत हो गया, जो FY22 में 52 प्रतिशत था।
इंजन और ईवी बिक्री के आँकड़े
HMI की FY24 में कुल वाहनों की बिक्री में 88.2 प्रतिशत हिस्सेदारी आंतरिक दहन इंजन (ICE) वाहनों की थी, जबकि 11.5 प्रतिशत CNG वाहनों की और 0.3 प्रतिशत EVs की थी। FY22 में यह आंकड़ा 0.03 प्रतिशत था, जो FY24 में 10 गुना बढ़कर 0.3 प्रतिशत हो गया। कंपनी ने 1998 से मार्च 2024 तक भारत में और निर्यात के माध्यम से लगभग 12 मिलियन यात्री वाहनों की बिक्री की है।
कंपनी की FY24 में कुल आय 71,302 करोड़ रुपये रही, जबकि लाभ 6,060 करोड़ रुपये था। FY23 में कुल आय 61,436 करोड़ रुपये और लाभ 4,709 करोड़ रुपये था।
एक टिप्पणी भेजें
0टिप्पणियाँ