हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के रूप में नायब सिंह सैनी का शपथ ग्रहण: बीजेपी की तीसरी जीत की कहानी
हरियाणा की सियासत में आज एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। नायब सिंह सैनी, जिनका राजनीतिक सफर एक छोटे से गाँव मिर्जापुर माजरा से शुरू हुआ था, अब हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। यह शपथ ग्रहण समारोह पंचकूला में होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई बीजेपी-शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और NDA के प्रमुख नेता शामिल होंगे।
बीजेपी की तीसरी बार सरकार
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने 90 सीटों में से 48 सीटें जीतकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके साथ ही, तीन निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी को समर्थन देने की घोषणा की। यह बीजेपी के लिए एक ऐतिहासिक पल है क्योंकि पार्टी लगातार तीसरी बार हरियाणा में सरकार बना रही है।
नायब सिंह सैनी: एक साधारण व्यक्ति से मुख्यमंत्री तक का सफर
54 वर्षीय नायब सिंह सैनी का जन्म अंबाला जिले के मिर्जापुर माजरा में हुआ। वह एक साधारण परिवार से आते हैं और उनकी शुरुआत भी उतनी ही साधारण रही। अपने प्रारंभिक दिनों में सैनी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ जुड़कर सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में अपनी जगह बनाई। यहीं उनकी मुलाकात पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से हुई, जो उनके करीबी साथी बने।
सैनी ने कानून की पढ़ाई की और 2009 में पहली बार विधानसभा चुनाव में भाग लिया। हालांकि, उस समय उन्हें कांग्रेस के उम्मीदवार रामकिशन गुर्जर से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन 2014 के चुनाव में उन्होंने नाराingarh सीट से जीत दर्ज कर अपनी पहचान बनाई और उन्हें खान, भूविज्ञान और अक्षय ऊर्जा मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया। बाद में उन्हें श्रम और रोजगार मंत्रालय का भी जिम्मा दिया गया।
केंद्र में कदम और राष्ट्रीय पहचान
2019 में, सैनी ने राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखा और कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर सांसद बने। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार को 3.83 लाख से अधिक मतों से हराया। यह जीत न सिर्फ सैनी की लोकप्रियता को दर्शाती है, बल्कि हरियाणा की जनता के बीच उनकी मजबूत पकड़ को भी साबित करती है।
बीजेपी के युवा मोर्चा से लेकर हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष तक की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाने वाले सैनी को मार्च 2024 में हरियाणा का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। यह कदम बीजेपी द्वारा उठाया गया था, जिसमें पार्टी को एक नई दिशा देने और चुनावों में जनता के बीच एक नया चेहरा पेश करने की रणनीति थी।
ओबीसी चेहरा और सरकार की योजनाएं
नायब सिंह सैनी को बीजेपी ने एक ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) चेहरे के रूप में पेश किया। हरियाणा की राजनीति में ओबीसी और एससी (अनुसूचित जाति) वर्गों को एकजुट करने की चुनौती को सैनी ने बखूबी समझा और उनके नेतृत्व में कई योजनाएं चलाई गईं, जिनका मकसद विशेष रूप से इन समुदायों को सशक्त बनाना था।
सैनी सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान ओबीसी और एससी समुदायों के लिए कई सामाजिक और आर्थिक विकास कार्यक्रमों की घोषणा की, जिनमें शैक्षिक सुविधाओं का विस्तार, रोजगार के अवसर और कृषि सुधारों पर ध्यान दिया गया। इन नीतियों ने बीजेपी को एक मजबूत आधार प्रदान किया, खासकर उस समय जब कांग्रेस पार्टी जाट मतदाताओं के समर्थन से मजबूत हो रही थी।
प्रधानमंत्री मोदी की सराहना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सैनी की सरलता और उनकी मेहनत की तारीफ की। 14 सितंबर को एक रैली के दौरान, मोदी ने कहा था, "बहुत कम लोग इतने कम समय में इस तरह की लोकप्रियता हासिल कर सकते हैं। हमारे मुख्यमंत्री ने जो लोकप्रियता हासिल की है, उसके पीछे एक ठोस वजह है। वह एक साधारण व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपनी सादगी और विनम्रता को बनाए रखा है, भले ही वह एक पिछड़ी जाति से आए हैं और इस ऊँचाई तक पहुँचे हैं।"
हरियाणा के लिए नई उम्मीदें
सैनी की अगुवाई में बीजेपी की तीसरी सरकार से हरियाणा के लोग कई उम्मीदें लगाए बैठे हैं। इस बार सरकार का ध्यान विशेष रूप से कृषि सुधार, रोजगार सृजन और सामाजिक न्याय पर रहेगा। साथ ही, राज्य की कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
नायब सिंह सैनी का मुख्यमंत्री पद तक का सफर उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है, जो साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं और अपनी मेहनत से बड़ी ऊँचाइयों को छूना चाहते हैं। बीजेपी की तीसरी बार सत्ता में वापसी और सैनी की लोकप्रियता बताती है कि हरियाणा की राजनीति में आने वाले कुछ साल बेहद दिलचस्प होंगे। अब यह देखना होगा कि सैनी अपनी नीतियों और योजनाओं के जरिए हरियाणा के विकास में किस तरह से योगदान देते हैं।
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